Month: December 2024

ओ बेवफा, ओ बेवफा

बेवफ़ा तू क्यों है खफ़ा मेरे मर्ज़ की दवा तू ही बता ओ बेवफ़ा, ओ बेवफ़ा हर वक्त मेरी आँखें हैं नम हमनशीं ले के तेरा ग़म ढूँढता हूँ दिन में तारों को खोजता हूँ रात नींदों को क्यों ले लिया सुख चैन मेरा सिला क्या है मेरा तू ही बता ओ बेवफ़ा, ओ बेवफ़ा …

सोचो कितनी बड़ी बात है

सोचो कितनी बड़ी बात हैये तो अभी शुरुआत है।सौ में एक आबाद है,निन्यानबे बर्बाद हैं।फिर भी बर्बादी की,लंबी लगी कतार है।प्रचार पर खर्चे अपारआज यही व्यापार हैं Iअंगूर खट्टे हैंफिर भी लाचार हैं Iहोड़ में शामिलहोने की चली बयार है Iआधी बात में पूरी सौगात है Iएक अनार है सौ बीमार हैंकहावत एकदम चरितार्थ है …

नव वर्ष

नव वर्ष आने परपुराना साल जाने कीखुशियाँ मनाते हैंसैर सपाटे जाते हैं | हैं तो वैसे हर दिन नूतनपुराना बदलने नया पहनने कायह है जीवन क्रम | पर, अपने अतीत काअवलोकन कौन करता है ?क्या दिया ?छिना क्या ?कौन रिश्ते बिछड़े ?मिले कौन ?चिंतन यह कौंधती हैं वहाँ,जहाँ कुछ करने की आग जलती हैकुछ करने …

माह वह समझो सावन है

भादों के पहले आएआषाढ़ बिताकर जाए,शिव के नाम से पावन हैमाह वह समझो सावन है।खेतों में हरियाली झूमे,कजरी गीत सुनाए,आते-जाते रिमझिम बूँदों से सुहावन हैमाह वह समझो सावन है।पक कटहल गमगम महके,बागों में लंगड़ा-चौसा आम हैं लटके,जब पेग लगाते झूले करते आमंत्रण हैंमाह वह समझो सावन है।इंतजार है करती पूरे वर्ष बहन,भाई से रक्षा को …

तेरी रचना

जिस दिन चाँदइठला रहा होगा,ईश्वर ने हूर कागुरूर तोड़ने कोतुझे रच रहा होगा। जिस महल मेंतेरा वास होगा,शायद अंधकारहिमालय की गुफाओं मेंछिप रहा होगा। जब रात चाँदनिकलता होगा,तुझे देखकरशायद शर्म के मारेबादलों में छिप रहा होगा। जब तुम्हाराबाग़ जाना होगा,तुम्हारी मुस्कान देखशायद गुलाब भीमुरझा रहा होगा। जब तुम्हें चलतेदेखता होगा,शायद हिरनअपना मटकनाभूल गया होगा। तुम्हारी …