Month: September 2025

महिषासुर का शीष, चरणों में पाती हो II

महिषासुर का शीष, चरणों में पाती हो II

ईश्वर की सुंदर कृतिमातृ रूप परिभाषितजगज्जननी पर्याय क्यों दुखिता रह जाती हो ?यदा-यदा अत्याचार विरुद्धरौद्र रूप में हुई कटिबद्धदुर्गा, काली, रुप में आती होक्यों अबला कहलाती हो ? जिसने ही धरा पर अनेक नेक उत्कृष्टराम, मुहम्मद, यीशु, नानक, आज़ाद, भगतगांधी, विवेकानंद युगपुरुष जनतीक्यों तुम दूषित की जाती हो ?दादी, माता, नानी, दीदी, पत्नी, भगिनीरिश्तों की …