नव वर्ष आने परपुराना साल जाने कीखुशियाँ मनाते हैंसैर सपाटे जाते हैं | हैं तो वैसे हर दिन नूतनपुराना बदलने नया पहनने कायह है जीवन क्रम | पर, अपने अतीत काअवलोकन कौन करता है ?क्या दिया ?छिना क्या ?कौन रिश्ते बिछड़े ?मिले कौन ?चिंतन यह कौंधती हैं वहाँ,जहाँ कुछ करने की आग जलती हैकुछ करने […]
माह वह समझो सावन है
भादों के पहले आए आषाढ़ बिताकर जाए,शिव के नाम से पावन हैमाह वह समझो सावन है। खेतों में हरियाली झूमे, कजरी गीत सुनाए,आते-जाते रिमझिम बूँदों से सुहावन हैमाह वह समझो सावन है। पक कटहल गमगम महके, बागों में लंगड़ा-चौसा आम हैं लटके,जब पेग लगाते झूले करते आमंत्रण हैंमाह वह समझो सावन है। इंतजार है करती […]
तेरी रचना
लेखक: अविनाश कुमार राव जिस दिन चाँद इठला रहा होगा,ईश्वर ने हूर कागुरूर तोड़ने कोतुझे रच रहा होगा। जिस महल में तेरा वास होगा,शायद अंधकारहिमालय की गुफाओं मेंछिप रहा होगा। जब रात चाँद निकलता होगा,तुझे देखकरशायद शर्म के मारेबादलों में छिप रहा होगा। जब तुम्हारा बाग़ जाना होगा,तुम्हारी मुस्कान देखशायद गुलाब भीमुरझा रहा होगा। जब […]
बस तुझे ही ढूँढे मेरी नज़र
तेरे नैनों ने किया है ऐसा असर तेरे नैनों ने किया है ऐसा असरहो गया हूँ मैं बेख़बरबस तुझे ही निहारूँ हर पहरऔर बस, और बस मुझे है तेरी फ़िकर। शुकर-शुकर, हे रब तेरा शुकरबस तुझे ही ढूँढे मेरी नज़र। देखा है तुमको जब सेखोया-खोया हूँ तब सेमाँगता हूँ तुझको रब सेतू है मेरी साँसे, […]
हे शारदे माँ
हे! शारदे माँ, वर हमें ज्ञान का दो | हे! श्वेत कमलासिनी माँ हंस वाहिनी मेरे जीवन के तम दूर कर कोना-कोना उजाला से भर दो | हे! शारदे माँ, वर हमें ज्ञान का दो || हे अंबे! वीणापाणि ज्ञान प्रदान कारिणी हमारे अज्ञान हर कर अन्तःकरण विद्या से सम्पूर्ण कर दो | हे! शारदे माँ, […]