इस ‘जय श्री राम’ नाटक यह बताता है कि विपत्तियाँ कैसे बिन बताए आ जाती हैं लेकिन ईश्वर पर विश्वास रखने पर किसी न किसी माध्यम से हमारे संकटों को दूर कर दिया जाता है | मित्रता हमारे जीवन कितनी आवश्यक है |
दृश्य : एक (मित्रों का मिलना)
रामू: (अपने दोस्तों के ग्रुप में मोबाइल पर व्हाट्स एप में चैटिंग करते हुए) अबे चपड़गंजुओं, सालों बीत गए, हम लोग अपनी चाय की दूकान पर नहीं मिले I
संजय: जय श्री राम! बिलकुल सही रामू जी I सही कह रहे हो I इस बार हम कहीं भोजन के लिए मिलता हैं I
अजय: केवल तुम्हीं दोनों लोग नहीं रहोगे I मैं भी तुम लोगों के हिस्से में से खाऊँगा |
रामू: अबे, नारियल के खोपड़ी ! आओ ना, कौन तुम्हें रोकेगा ? क्योंकि बिल तो तुम्हीं देते हो ? जय! तू कुछ बोल नहीं रहा है ? क्यों भाई ? पर तुमको भी आना होगा I गाना कौन गाएगा ?
जय: (लम्बी साँस लेते हुए, कुछ रूककर )ठीक है… देखता हूँ, समय मिलेगा तो जरुर आऊँगा I
(जय अपने काम से शहर के एक मॉल में एक मैनेजर के रूप में काम पर चला जाता है I)
जूही: (जय की पत्नी स्कूल जाते हुए कुछ गुंडों के द्वारा एक किसी बच्चे को अगवा कर लिया जाता है जिसे देख लेती है, और सरपट तेजी से चल रही है जैसे इसने देखा न हो I)
कालानाग: (जूही को फोन करते हुए) ओ बबुनी ! तुमने कुछ देखा क्या, स्कूल से आते समय आज ?
जूही – हाँ,
कालानाग: तो जैसे अब तक चुप थी वैसे ही चुप रहना है I तो बता, अपनी चुप्पी के कितने पैसे लेगी ? पैसे लेगी या गोली ?
जूही: नहीं, नहीं… सर, कुछ नहीं बोलूँगी |
कालानाग: हाँ, ये है होशियारी की बात I तुम तो बहुत समझदार औरत जान पड़ती हो I
दृश्य : दो(घर में चिंता)
जय: (साम को थका हुआ अपने दरवाजे पर घंटी बजाते हुए ) अरे, जल्दी खोलो ना दरवाजा I
जूही: (दरवाजा खोलते ही, अपने पति के सामने रोने लगती है औरन काँपते हुए सारी घटना बताती है) मुझे बहुत घबड़ड़ाहट हो रही है I मैं क्या करूँ ?
जय : घबराओ नहीं I मैं हूँ I मम्मी, पापा हैं I सबसे बड़ी बात है ईश्वर पर भरोसा रखो, सब ठीक हो जाएगा I
जूही: बच्चे ने मुझे देखा है ले जाते हुए I मुझे चिंता हो रही है कि बच्चे को कहीं वे लोग मार न दें I
जय: जब तुम कहीं कुछ कहोगी तब तो कुछ होगा I बहुत दिनों बाद आज मुझे अपने मित्रों के साथ बात करनी है I
जय: (समस्या को देखते हुए अपने मित्रों को चैटिंग में एन वक्त पर भोजन पर जाने से मना करता है I) कुछ अचानक दिक्कत आ गई है इसलिए नहीं आ पा रहा हूँ I