कक्षा 5 गुंजन (मधुबन)
पाठ 1
संग देश हमारा चलता है
अभ्यास
मौखिक:
क. भारत के बच्चे क्या करते हैं ? उत्तर- भारत के बच्चे अपने देश की मिट्टी का तिलक लगाकर अपने देश का सम्मान करते हैं |
ख. भारत के बच्चे किस डगर पर चलते हैं ? उत्तर- भारत के बच्चे सच्चाई की डगर पर चलते हैं |
ग. हमने किन क्षेत्रों में विकास किया है ? उत्तर- विज्ञान और तकनीकी में हमने विकाश किया है |
घ. शूरवीर कैसे होते हैं ? उत्तर- जो सत्य की राह पर चलते है अरु बाधाओं के आने पर डिगते नहीं हैं वे शूरवीर कहलाते हैं |
लिखित-
क. अपने देश की ऋतुओं के बारे में लिखिए | उत्तर- ग्रीष्म,वर्षा, शरद, हेमंत, और वसंत भारत्त की छह ऋतुएँ हैं जो हमें ठण्ड धुप और बारिश देकर हमें जीवन प्रदान करते हैं | इन्हीं ऋतुओं पर ही हमारे देश की कृषि आधारित है |
ख. भारत कैसे लोगों को पूरी दुनिया में भेजता है ? उत्तर- भारत विज्ञान और तकनीकी की शिक्षा देकर सुयोग्य लोगों को पूरी दुनिया में भेजता है |
ग. ‘संग देश हमारा चलता है’ के द्वारा कवियित्री क्या कहना चाहती हैं ? उत्तर- ‘संग देश हमारा चलता है’ के द्वारा कवियित्री यह बताना चाहती हैं हमारी पहचान भारत देश से होती है | संसार में हमें भारतीय से जाना जाता है | इस प्रकार जब हम प्रगति करते है तो हमारे देश का विकास होता है |
घ. हमें किससे बल मिलाता है ? उत्तर- हमें अपने प्यारे भारत देश से बल मिलता है |
ङ. कविता का संदेश लिखो | उत्तर- इस कविता में कवियित्री भारत देश की विशेषता बता रही हैं जहां बच्चे सदाचरण करते हैं और देश की मिती का तिलक लगाकर सम्मान करते हैं | भारत सदैव हमें सत्य के मार्ग पर चलना सिखाया है | विज्ञान और तकनीकी से शिक्षित और सुयोग्य सपूतों को विश्व में भेजा है | अतः हम जहाँ कहीं भी रहें अपने देश के प्रति प्रेम और आदर को प्रस्तुत करें |
कविता की पंक्तियाँ पूरी करें –
क. तरह तरह की ऋतुओं से, देश हमें मिलवाता है, ठिठुराती ठंड, कड़कती धुप, कभी वर्षा में नहलाता है |
ख. विज्ञान औ तकनीकी में भारत ने खूब सहेजा है | कितने ही योग्य सपूतों को, सारी दुनिया में भेजा है |
2. सही उत्तर चुनकर ✔ लगाओ –
क. बच्चे माथे पर किसका तिलक लगाते हैं ? देश की माटी का ✔ चंदन का रोली का लहू का ख. हमको किससे बल मिलता है ? पौष्टिक खाने से जंक फ़ूड से माँ से भारत से ✔
❋ मूल्यपरक प्रश्न
किसी देश की उन्नति में उसके नागरिकों की क्या भूमिका होती है ? उत्तर- प्रत्येक नागरिक अपने देश की प्रगति में जिम्मेदार होते हैं | देश तब उन्नति करेगा जब प्रत्येक व्यक्ति कर्मठ और आत्मनिर्भर होंगे |