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माह वह समझो सावन है

भादों के पहले आए आषाढ़ बिताकर जाए,शिव के नाम से पावन हैमाह वह समझो सावन है। खेतों में हरियाली झूमे, कजरी गीत सुनाए,आते-जाते रिमझिम बूँदों से सुहावन हैमाह वह समझो सावन है। पक कटहल गमगम महके, बागों में लंगड़ा-चौसा आम हैं लटके,जब पेग लगाते झूले करते आमंत्रण हैंमाह वह समझो सावन है। इंतजार है करती …