Tag Archives: हिंदी कविता

बस तुझे ही ढूँढे मेरी नज़र

तेरे नैनों ने किया है ऐसा असर   हो गया हूँ मैं बेख़बर   बस तुझे ही निहारूँ हर पहर   और बस, और बस मुझे है तेरी फ़िकर |       शुकर-शुकर, हे रब तेरा शुकर       बस तुझे ही ढूँढे मेरी नज़र || देखा है तुमको जब से   खोया-खोया हूँ तब से   माँगता हूँ तुझको रब से   तू है …

माह वह समझो सावन है

भादों के पहले आए आषाढ़ बिताकर जाए,शिव के नाम से पावन हैमाह वह समझो सावन है। खेतों में हरियाली झूमे, कजरी गीत सुनाए,आते-जाते रिमझिम बूँदों से सुहावन हैमाह वह समझो सावन है। पक कटहल गमगम महके, बागों में लंगड़ा-चौसा आम हैं लटके,जब पेग लगाते झूले करते आमंत्रण हैंमाह वह समझो सावन है। इंतजार है करती …