
हे! शारदे माँ, वर हमें ज्ञान का दो |
हे! श्वेत कमलासिनी
माँ हंस वाहिनी
मेरे जीवन के तम दूर कर
कोना-कोना उजाला से भर दो |
हे! शारदे माँ, वर हमें ज्ञान का दो ||
हे अंबे! वीणापाणि
ज्ञान प्रदान कारिणी
हमारे अज्ञान हर कर
अन्तःकरण विद्या से सम्पूर्ण कर दो |
हे! शारदे माँ, वर हमें ज्ञान का दो ||
हे! माँ भारती
सुधियों में पूजिनी
नष्ट कर विघ्न बाधा
हिंदी साहित्य श्रद्धा को उत्तीर्ण कर दो |
हे! शारदे माँ, वर हमें ज्ञान का दो ||
हे! माँ वाग्देवी
स्वर-वर्ण-शब्द स्वरूपिणी
काव्य साहित्य सरस कर
अखिल जग में हिंदी का संचार कर दो |
हे! शारदे माँ, वर हमें ज्ञान का दो ||
श्रद्धा से-
अविनाश कुमार राव संस्कृत, हिंदी शिक्षक दिल्ली पब्लिक स्कूल, फुलबाड़ी, जलपाईगुड़ी , पश्चिम बंगाल मो. 7754054211 avinash.rao1234@gmail.com