चंद्रयान से चाँद तुझे ले जाऊँगा

दीन-हीन बालक एक
एक दिन, माई से पूछा
यह चंद्रयान क्या होता है
सुन हो गई हक्का-बक्का |

बोली माता नहीं पता
क्या होता है यान-वान,
मैं अज्ञानी क्या जानूँ
इस चिड़िया का नाम |

लगाया बालक जोर ठहाका
माँ का उत्तर सुन अज्ञान भरा,
मन ही मन पछताया-रोया
निरक्षर क्यों है अपनी अंबा |

बालक पढ़ने को ठान लिया
जब ज्ञान की महिमा जान गया,
अपनी मेहनत के बल पर
उन्नति पथ को थाम लिया |

जननी से बोला कुछ दिन बाद
मुझ पर होगा तुझको नाज,
चंद्रयान से चाँद तुझे ले जाऊँगा
विज्ञान की सिद्धि तुझे बताऊँगा |

चंदा मामा को सुंदर राखी तुम बाँधना
उनके मुख मोतीचूर के मोदक डालना,
अपनी मीठी हिंदी-वर्णों का वृक्ष लगाना तुम
आ पृथ्वी पर चंदा मामा के गुण गाना तुम ||

श्रद्धा से –

अविनाश कुमार राव

Comments

    1. Post
      Author
      AVINASH KUMAR RAO

      नमस्कार
      बहुत बहुत धन्यवाद
      आपको कविता अच्छी लगी तो मैं धन्य हो गयाI
      ऐसे ही अपना स्नेह बनाए रखिए I
      आगे भी आपको रसास्वादन का अवसर प्राप्त होगा I

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