पैरों में दृढ़ता,
इच्छा शक्ति सशक्त,
नित नूतन ज्ञान स्रोत
परिभाषित है शिक्षक |
कभी नारियल फल,
ह्रदय सागर सदृश सरसता,
उपमा आदर्श चरित्र का
बन जाता है शिक्षक |
हाथों में ले दुधिया भट्ठी,
अक्षर दीप जलाता,
कोरे मानस पटल पर
अङ्कन करता है शिक्षक |
न केवल का पुस्तक,
जीवन का पाठ सिखाता,
सकल अमिट छाप बन
ज्ञान बरसाता है शिक्षक |
सदा उदाहरण लिए ,
भविष्य निर्माण करता,
सद्प्रेरणा से देश हेतु
सेवार्थ बनाता है शिक्षक |
धूप-छाँव, शीत-ऊष्म, सुख-दुःख
सदा समभाव सिखाता,
ऊँचा-नीचा, पथरीले-कँटीले पथ को
सुलभ बनाता है शिक्षक |
संस्कार, अनुशासन से दोष
मिटाता पूर्ण ओर बढ़ाता,
ज्ञानान्तरण परम्परा सच्चाई से
दे जाता है शिक्षक |
प्रत्यक्ष ज्ञान से दिव्य
मोक्ष मार्ग पर ले जाता,
करा कर आत्म-साक्षात्कार
गुरु रूप ले लेता है शिक्षक |
श्रद्धा से – अविनाश कुमार राव