सोचो कितनी बड़ी बात है
ये तो अभी शुरुआत है।

सौ में एक आबाद है,
निन्यानबे बर्बाद हैं।

फिर भी बर्बादी की,
लंबी लगी कतार है।

प्रचार पर खर्चे अपार
आज यही व्यापार हैं I

अंगूर खट्टे हैं

फिर भी लाचार हैं I

होड़ में शामिल

होने की चली बयार है I

आधी बात में

पूरी सौगात है I

एक अनार है सौ बीमार हैं

कहावत एकदम चरितार्थ है I

श्रद्धा से –