बाल-साहित्य

लेखनी

मैं लेखनी हूँ

पतली लघ्वी देह मेंजेबों में, लघु संदूकों में,हर दफ्तर में उपस्थितसाक्षरता प्रतीक वाहिका हूँ I मैं लेखनी हूँ I नीले, काले, हरे, लाल रंगों मेंप्रति स्थान, पद रूप अनेक,नियम, नव निर्माण, संशोधनमानस पटल की उद्गार कर्तृ हूँ I मैं लेखनी हूँ Iहर परिक्षाओं की सहगामिनीजीवन में हर मोड़ पर साथी,सबके सुख-दुःख की कहानीकोरे पन्नों की …

अब चलें अयोध्या धाम

अब चलें अयोध्या धामजय श्री राम जय श्री राम,सबके मन में एक ही नामजय श्री राम, जय श्री राम || चलें …1रघुकुल के वे चार रत्नराम, भारत, लक्ष्मण, शत्रुघ्नप्रकट भए दशरथ संतानश्रेष्ठ राम आज्ञा के प्रतिमान |जय श्री राम, जय श्री राम || चलें…2निषादराज को सखा बनामाँ शबरी का जूठन खाउनसे मिले भक्त हनुमानकरुणानिधान मर्यादा …

माह वह समझो सावन है

भादों के पहले आएआषाढ़ बिताकर जाए,शिव के नाम से पावन हैमाह वह समझो सावन है।खेतों में हरियाली झूमे,कजरी गीत सुनाए,आते-जाते रिमझिम बूँदों से सुहावन हैमाह वह समझो सावन है।पक कटहल गमगम महके,बागों में लंगड़ा-चौसा आम हैं लटके,जब पेग लगाते झूले करते आमंत्रण हैंमाह वह समझो सावन है।इंतजार है करती पूरे वर्ष बहन,भाई से रक्षा को …

हे शारदे माँ वर हमें ज्ञान दो

हे! श्वेत कमलासिनीमाँ हंस वाहिनीमेरे जीवन के तम दूर करकोना-कोना उजाला से भर दो |हे! शारदे माँ, वर हमें ज्ञान का दो ||                    हे अंबे! वीणापाणि                    ज्ञान प्रदान कारिणी                    हमारे अज्ञान  हर कर                    अन्तःकरण विद्या से सम्पूर्ण कर दो |                    हे! शारदे माँ, वर हमें ज्ञान का दो ||हे! माँ भारतीसुधियों में पूजिनीनष्ट कर विघ्न बाधाहिंदी साहित्य श्रद्धा को उत्तीर्ण कर …